हिन्दी टाइपिंग औजार, ऑनलाइन हिन्दी लेखन औजार और काम की कुछ कड़ियाँ
(रवि रतलामी जी के ब्लॉग से साभार )
यहाँ दिखाई गयी अधिकांश कड़ियाँ रवि रतलामी जी के ब्लॉग के साइडबार में दिखाई गयी है | मदद के लिए इनको यहाँ पुनः प्रकाशित कर दिया गया है |- शुषा हिन्दी कुंजीपट
- रेमिंगटन (कृति देव फ़ॉन्ट) कुंजीपट
- ध्वन्यात्मक (फ़ॉनेटिक) कुंजीपट
- इनस्क्रिप्ट कुंजीपट
- 7 प्रकार के अंतर्निर्मित हिन्दी कुंजीपट - इनस्क्रिप्ट , फ़ोनेटिक, रेमिंगटन - कृतिदेव, तथा अन्य
- उपर्युक्त हिन्दी कुंजीपट इंस्टाल करने का सरल तरीका
- हिन्दी टूलकिट आईएमई इंस्टाल करें व अपने कम्प्यूटर को बिना एक्सपी सीडी हिन्दी सक्षम बनाएँ
- आइए हिन्दी इनस्क्रिप्ट में टाइप करना सीखें
- आपका ब्लॉग बहुत बढ़िया है. मैं भी ऐसा ही ब्लॉग हिन्दी में बनाना चाहता हूँ. कैसे?
- इं ट र ने ट पर हिन्दी के संसाधन और औजार - हिन्दी टूल्स, टेक्नीक और रिसोर्सेज
- ऑनलाइन शब्दकोशों की सूची
- फ़ॉन्ट परिवर्तन डाउनलोड
- फ़ॉन्ट रूपांतर डाउनलोड
- फ़ॉयरफ़ॉक्स हिन्दी वर्तनी जाँचक एड ऑन
- माइक्रोसॉफ़्ट फ़ॉन्ट परिवर्तक डाउनलोड
- ये फ़ीड क्या है ये फ़ीड - और आपके ब्लॉग के लिए क्यों जरूरी है पूरी फ़ीड
- हिन्दी के लिए हमेशा के सवाल (Hindi FAQ)
- हिन्दी फ़ॉन्ट (यूनिकोड के दर्जनों फ़ॉन्ट) डाउनलोड कड़ी
- हिन्दी ब्लॉगिंग का रोचक इतिहास
- हिन्दी ब्लॉगिंग टिप्स - दिग्गजों की तरफ से.
- हिन्दी ब्लॉगिंग शिष्टाचार - क्या करें क्या नहीं
- हिन्दी ब्लॉगों पर एक शोधात्मक आलेख
- हिन्दी में कैसे लिखें
- ध्वन्यात्मक (फ़ॉनेटिक) हिन्दी में लिखने का सर्वोत्तम ऑनलाइन औज़ार
ये बढ़िया कार्य किया.
ReplyDeleteहार्दिक बधाई इस प्रविष्टि के लिए...
ReplyDeleteबहुत अच्छा किया कि आपने इसे यहाँ छाप दिया नहीं तो अच्छी चीजें अपनी जगह पर पड़ी की पड़ी रह जांये और बहुत से लोगों का ध्यान उन तक न जाय। यानि कुँए तो हैं किन्तु फिर भी लोग प्यासे रह रहे हैं।
ReplyDeleteएक बात यहाँ लोगों को याद दिला दी जानी चाहिये कि ये सम्पादित्र आदि हिन्दी लिखने के तृतीय विकल्प की तरह समझे जाने चाहिये।
प्रथम विकल्प होना चाहिये - आपरेटिंग सिस्टम के स्तर पर ही हिन्दी को सक्षम कर दिया जाय जिससे कहीं भी किसी भी सम्पादित्र या टेक्स्ट बक्से में धड़ल्ले से हिन्दी लिखी जा सके।
दूसरा विकल्प यह होना चाहिये कि आप फायरफाक्स आदि वेब-ब्राउजर के लिये उपलब्ध तमाम सारे ऐड-आन को फायरफाक्स में जोड़ दें जिससे फायरफाक्स से कोई भी वेबपेज खोलने पर उसके किसी भी टेक्स्ट बक्से में हिन्दी लिख पाने की सुविधा मिल सके।
जब किसी कारण उपरोक्त दोनो विकल्प न हों या काम न कर रहे हों तो ये तीसरा विकल्प आजमाना चाहिये। जिनको लगातार हिन्दी में काम करना है (आफलाइन या आनलाइन) उन्हें तो उपर के विकल्पों को ही गम्भीरता से लागू करना चाहिये और दूसरों को भी सिखाना चाहिये।